राष्ट्रीय समुद्री दिवस

5 अप्रैल : राष्ट्रीय समुद्री दिवस 



हर साल 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाता है। भारत एक प्रायद्वीप देश है यह तीन ओर से समुद्र से गिरा है, भारत की तटीय सीमा लगभग 7516.6 किलोमीटर है। भारत की अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षेत्र में समुद्र एक महत्वपूर्ण घटक है, इसलिए देश में राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाता है। देश के व्यापार की मात्रा की दृष्टि से लगभग 95% और मूल्य की दृष्टि से 68%  हिस्सा समुद्री परिवहन के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है। इससे पहले 29 मार्च से 5 अप्रैल तक राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह मनाया जायेगा।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस कैसे मनाया जाता है

इस दिन भारतीय समुद्री क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगो को ‘वरुण’ पुरस्कार दिया जाता है। वरुण पुरस्कार में भगवान वरुण की एक मूर्ति के साथ एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। इस दिन भारत के समुद्री क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले या विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले लोगो को सम्मानित करने के लिए ‘NMD उत्कृष्टता पुरस्कार’ भी दिया जाता है, जिसमें एक ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होता है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस के दिन रक्तदान अभियान, चिकित्सा शिविर का आयोजन होता है, सेमिनार आयोजित होते हैं विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए नाविको को पुष्पांजलि दी जाती है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2024 की थीम

साल 2024 में 61 वां भारतीय समुद्री दिवस मनाया जाएगा।  हर साल जहाजरानी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय समुद्री दिवस की थीम की घोषणा की जाती है। राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2023 की थीम ‘शिपिंग में अमृत काल’ रखी गई थी। 

5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाने का कारण

5 अप्रैल 1919 को भारत का पहला व्यापारिक जहाज समुद्र में उतरा था। यह जहाज सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी लिमिटेड (SS लॉयल्टी) का था। यह समुंद्री जहाज मुंबई से लंदन के लिए रवाना हुआ था। यह पहला भारतीय ध्वज व्यापारी जहाज था, इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय समुद्री दिवस के रूप में चुना गया। भारत में राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाने की परंपरा वर्ष 1964 से चली आ रही है। 

राष्ट्रीय समुद्री दिवस का महत्व 

अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में समुद्री परिवहन का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि समुद्री शिपिंग दुनिया भर में वस्तुओं के आयात, निर्यात का सबसे सस्ता और कुशल तरीका है। यह दिन हमारे समुद्री क्षेत्र की रक्षा, सुरक्षा और बचाव की आवश्यकता का प्रतीक है क्योंकि देश के जल मार्गों की पूर्ण परिपक्वता और संरक्षण महत्वपूर्ण है।

यह दिन उन बहादुर लोगों को सम्मानित करने के लिए समर्पित है जो महीनों तक समुद्र में रहकर भारत के वैश्विक व्यापार और वाणिज्य में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। 

पूरी दुनिया हर साल सितंबर के आखिरी गुरुवार को विश्व समुद्री दिवस भी मनाती है। 2024 में यह 26 सितंबर को पड़ता है।

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