दुनिया की पहली AI एयर होस्टेस : SAMA

कतर एयरवेज ने पेश की दुनिया की पहली AI एयर होस्टेस

कतर एयरवेज ने ITB बर्लिन 2024 में दुनिया की पहली एयर होस्टेस Sama को पेश किया। Sama का अरेबिक भाषा में मतलब आसमान होता है। यह एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस डिजिटल ह्यूमन केबिन क्रू सदस्य हैं। Sama को Qatar Airways और AI digital human technology में महारत हासिल किए हुए कंपनी UneeQ ने मिलकर बनाया है। इसे कतर एयरवेज की फ्लाइट अटेंडेंट के तौर पर स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। पैसेंजर और मीडिया से बातचीत के दौरान भी Sama AI लगातार नई चीजें सीखती रहेगी और अपनी बातचीत को बेहतर करती रहेगी। 

Meet Sama: world,s first Ai cabin crew

कतर एयरवेज ने पहली बार Web Summit Qatar के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड एयर होस्टेस का डेमो दिया था। ये कैबिन क्रू ह्यूमन एयर होस्टेस को रिप्लेस नहीं करेंगी, बल्कि इसे एक्स्ट्रा फीचर के तौर पर एयरक्राफ्ट में रखा जाएगा। Sama को दोहा में तैयार किया गया है। कतर एयरवेज ने पैसेंजर के एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए एविएशन क्षेत्र में भी AI के इस्तेमाल की शुरुआत कर दी है।

एयर होस्टेस का क्या काम होता हैं 

एयर होस्टेस फ्लाइट में पैसेंजर्स का ख्याल रखती हैं और उनकी शिकायतें और सवालों को फ्लाइट में सॉल्व करने का काम करती हैं। उन्हें यात्रियों को हर जरूरत का सामान मुहैया करना होता हैं और उनके खाने-पीने की चीजों से लेकर सोने तक का इंतजाम करना होता है।

दुनिया के पहले एयर होस्टेस 

दुनिया के सबसे पहले एयर होस्टेस हेनरिक कुबिस थे। उन्होंने साल 1912 में एयर होस्टेस के तौर पर काम करना शुरू किया था।

अमेरिका की एलेन चर्च 1930 में दुनिया की पहली महिला एयर होस्टेस बनी थीं। एयर होस्टेस के अलावा, एलेन चर्च एक नर्स के रूप में भी काम कर चुकी थी। उनके पास ट्रेंड नर्स का लाइसेंस होने के साथ ही पायलट का भी लाइसेंस था। पहले  कमर्शियल फ्लाइट में सिर्फ पुरुष एयर होस्टेस का काम  करते थे, लेकिन एलेन के इस इंडस्ट्री में कदम रखने से एक नए अध्याय की शुरुआत हुई।एलेन चर्च के बाद ही महिला एयर होस्टेस को अलग-अलग एयरलाइन्स ने भर्ती करना शुरू किया। एयरलाइन्स इंडस्ट्री में महिलाओं का दबदबा बढ़ता चला गया।

दुनिया की सबसे उम्रदराज फ्लाइट अटेंडेंट

अमेरिकन एयरलाइंस में काम करने वाली बेट्टे नैश ने दुनिया में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली फ्लाइट अटेंडेंट का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने साल 1957 में एयर होस्टेस के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। आमतौर पर तो लोग 60 साल के बाद रिटायर हो जाते हैं, लेकिन नैश 85 साल की उम्र में भी फ्लाइट अटेंडेंट हैं। 

नैश ने एक इंटरव्यू में कहा की जब तक मेरा स्वास्थ्य ठीक है और मैं सक्षम हूं, तो काम क्यों नहीं करूं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयर होस्टेस के तौर पर बेट्टे इतना लंबा वक्त गुजार चुकी हैं कि उन्हें हवाई यात्रा करने वाले कई यात्री भी पहचानते हैं। आमतौर पर एयरलाइन्स की ओर से जिस रूट पर जरूरत होती है, वहां एयर होस्टेस को भेजा जाता है, लेकिन इस मामले में बेट्टे को छूट मिली हुई है और वह अपना मनपसंद रूट चुनकर फ्लाइट अटेंडेंट के तौर पर जा सकती हैं। नैश को भले ही रूट चुनने की आजादी है, लेकिन वह हमेशा न्यूयॉर्क-बोस्टन-वॉशिंगटन डीसी वाला रुट ही चुनती हैं, क्योंकि उन्हें हर रात अपने घर अपने विकलांग बेटे के पास जाना होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेट्टे ने बताया है कि जब तक उनका बेटा स्वस्थ हैं, तब तक वह काम करती रहेंगी।उम्र के इस पड़ाव में भी बेट्टे नैश को अपनी नौकरी बोझ नहीं लगती है, वह अपने जॉब से बहुत प्यार करती हैं। 

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