वैश्विक जलवायु रिपोर्ट 2024

 स्टेट ऑफ़ द ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट (वैश्विक जलवायु रिर्पोट)2024

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने वैश्विक जलवायु की स्थिति पर अपना वार्षिक आकलन जारी किया है। 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस से पहले, 19 मार्च 2024 को स्टेट ऑफ़ द ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट जारी की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार 2023 को स्पष्ट तौर पर सबसे गर्म वर्ष घोषित किया गया है। 2023 में ग्रीनहाउस गैस के स्तर, सतह के तापमान, समुद्र की गर्मी और अम्लीकरण, समुद्र के स्तर में वृद्धि, अंटार्कटिक समुद्री बर्फ के नुकसान और ग्लेशियर के पीछे हटने के रिकॉर्ड टूट गए है। WMO की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में  वैश्विक औसत सतह के पास का तापमान पूर्व-औद्योगिक आधार रेखा से 1.45 डिग्री सेल्सियस (± 0.12 डिग्री सेल्सियस की अनिश्चितता के मार्जिन के साथ) था। यह रिकॉर्ड पर दस साल की सबसे गर्म अवधि थी।

वैश्विक जलवायु स्थिति रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिंदु

• ग्लेशियर रिट्रीट एवं अंटार्कटिक सागर बर्फ हानि में तीव्रता
• चरम मोसमिया घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि
• चरम जलवायु स्थिति के कारण आर्थिक हानि
• जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन खाद्य असुरक्षा
• समुद्री हीटवेव और महासागरीय अम्लीकरण
• नवीकरणीय ऊर्जा वृद्धि

ग्लेशियर रिट्रीट एवं अंटार्कटिक सागर बर्फ हानि में तीव्रता: 

पश्चिमी, उत्तरी अमेरिका और यूरोप दोनों में अत्यधिक बर्फ के पिघलने के कारण दुनिया भर के ग्लेशियरों ने रिकॉर्ड पर बर्फ की सबसे बड़ी क्षति का अनुभव किया। अंटार्कटिक समुद्री बर्फ का विस्तार उपग्रह युग के लिए एक पूर्ण रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया और आर्कटिक समुद्री बर्फ का विस्तार सामान्य से काफी नीचे रहा।ग्लोबल वार्मिंग के कारण स्विट्जरलैंड ग्लेशियर ने अपने  टोटल मास का 10% सिर्फ 2 सालों में खो दिया।

चरम मोसमीय घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि: 

लू, बाढ़, सूखा, जंगल की आग और उष्णकटिबंधीय चक्रवात जैसी चरम मौसमी घटनाओं का सभी  महाद्वीपों पर बड़ा सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ा। भूमध्यसागरीय चक्रवात डैनियल से अत्यधिक वर्षा से जुड़ी बाढ़ ने सितंबर 2023 में ग्रीस, बुल्गारिया, तुर्क और लीबिया को प्रभावित किया तथा विशेष रूप से लीबिया में भारी जानमाल की हानि हुई। फरवरी और मार्च 2023 में उष्णकटिबंधीय चक्रवात फ्रेडी दुनिया के सबसे लंबे समय तक रहने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से एक था, जिसका मेडागास्कर, मोज़ाम्बिक तथा मलावी पर बड़ा प्रभाव पड़ा। वर्ष 2023 में उष्णकटिबंधीय चक्रवात मोचा, बंगाल की खाड़ी में अब तक देखे गए सबसे तीव्र चक्रवातों में से एक था और इससे श्रीलंका से म्यांमार तक तथा भारत एवं बांग्लादेश के माध्यम से उप-क्षेत्र में 1.7 मिलियन विस्थापन हुआ व गंभीर खाद्य असुरक्षा बढ़ गई।

चरम जलवायु स्थिति के कारण आर्थिक हानि

बाढ़ और तूफान के कारण कृषि क्षेत्रों का विनाश,कृषि उत्पादकता , साथ ही आपूर्ति शृंखलाओं में व्यवधान, आर्थिक सुधार में बाधा डालता है और प्रभावित क्षेत्रों में गरीबी को बढ़ाता है। अत्यधिक मौसम सामाजिक-आर्थिक विकास को कमजोर करता है लू, बाढ़, सूखा, जंगल की आग और तेजी से बढ़ते उष्णकटिबंधीय चक्रवातों ने दुख और तबाही मचाई, लाखों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई और कई अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। 

जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन खाद्य असुरक्षा

बाढ़, सूखा और तूफान जैसी खराब मौसम की घटनाओं के कारण फसल तथा पशुधन उत्पादन प्रभावित हुआ जिससे विश्व स्तर पर खाद्य असुरक्षा बढ़ गई।

समुद्री हीटवेव और महासागरीय अम्लीकरण

रिपोर्ट से पता चलता है कि 2023 में औसतन एक दिन में, वैश्विक महासागर का लगभग एक-तिहाई हिस्सा "समुद्री हीटवेव" से प्रभावित हुआ, जिससे महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचा। विश्व के महासागरों में वर्ष 2016 में 23% के पिछले रिकॉर्ड से कहीं अधिक 32% की औसत दैनिक समुद्री हीटवेव कवरेज का अनुभव हुआ। वर्ष 2023 के अंत में, 20° दक्षिण और 20° उत्तर के बीच अधिकांश वैश्विक महासागर नवंबर की शुरुआत से हीटवेव की स्थिति में था। वर्ष 2023 के अंत में उत्तरी अटलांटिक में गंभीर और अत्यधिक समुद्री गर्मी की एक विस्तृत शृंखला देखी गई, जिसमें तापमान औसत से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक था। इन ताप तरंगों का समुद्री पारिस्थितिक तंत्र और प्रवाल भित्तियो पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, महासागरों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण के कारण महासागरीय अम्लीकरण में वृद्धि हुई है। वैश्विक तापमान में दीर्घकालिक वृद्धि वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की उच्च मात्रा से जुड़ी हुई है। जून से दिसंबर तक हर महीना रिकॉर्ड गर्मी वाला रहा।

नवीकरणीय ऊर्जा वृद्धि:

2023 में नवीकरणीय क्षमता वृद्धि 2022 से लगभग 50% बढ़कर कुल 510 गीगावाट हो गई। उत्पादन में हुई इस वृद्धि से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए डी कार्बनाइजेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के उपयोग की संभावना है। 

रिपोर्ट के अनुसार, 1.5 डिग्री सेल्सियस मार्ग के लिए, वार्षिक जलवायु वित्त निवेश को छह गुना से अधिक, 2030 तक लगभग 9 ट्रिलियन अमरीकी डालर और 2050 तक 10 ट्रिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही, निष्क्रियता की लागत और भी अधिक है, जिसका अनुमान 1,266 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। जलवायु निष्क्रियता की लागत जलवायु कार्रवाई की लागत से अधिक है।

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) 

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization- WMO) 192 सदस्य राष्ट्रों और क्षेत्रों की सदस्यता वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है। भारत WMO का सदस्य है। WMO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।


#ग्लोबल क्लाइमेट रिर्पोट #WMO #climate change 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भूस्खलन और बाढ़ से इंडोनेशिया में भारी तबाही

सिएरा लियोन में नशे में दुत युवा लगातार पहुंच रहे हैं हॉस्पिटल, सरकार ने लागू किया राष्ट्रीय आपातकाल